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मंडी अनुज्ञा के बाद भी अधिकारी की दादागिरी ! धान व्यापारियों में नाराज़गी— बोले, “अब नहीं खरीद सकते धान”

धमतरी-धान खरीदी सीज़न में विभागीय अधिकारी की कथित दादागिरी से धान व्यापारियों में नाराज़गी खुलकर सामने आ रही है। व्यापारियों का कहना है कि वैध मंडी अनुज्ञा और सभी दस्तावेज़ सही होने के बाद भी उन्हें परेशान किया जा रहा है।

जांच में दस्तावेज़ सही, फिर भी गाड़ियाँ जब्त

दरअसल, 24 नवंबर को बेलरगांव से धान लेकर आ रही दो मेटाडोर को अधिकारी ने रोककर जांच की। मंडी से संबंधित सभी दस्तावेज़ सही पाए गए। दोनों वाहनों में सिर्फ इतना पाया गया कि—

•एक गाड़ी में 11 क्विंटल

•और दूसरी में 12 क्विंटल धान अधिक लोड था।


व्यापारियों ने बताया कि वह जिस क्षेत्र से आते हैं, वहाँ धर्मकांटा नहीं है, इसलिए अनुमान के आधार पर ट्रक में धान लोड कर मिल में बेचते हैं। इस बात को समझाने के लिए व्यापारी ने अधिकारी से लाख मिन्नतें कीं।

लेकिन अधिकारी की कथित सख़्ती और दादागिरी इतनी बढ़ी हुई थी कि दोनों गाड़ियों को सिहावा थाना में खड़ा करवा दिया गया।

 किसान और व्यापारी दोनों संकट में

इस क्षेत्र के किसान बोराई बाजार पर निर्भर रहते हैं और अपना धान व्यापारियों को बेचकर रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करते हैं। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे माहौल में अब किसानों का धान खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

व्यापारियों का आरोप—

“सभी कागज़ सही होने के बावजूद हमें डराया-धमकाया जा रहा है। ऐसे हालात में धान खरीदी जारी रखना संभव नहीं है।”

व्यापारियों की मांग

प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप कर अधिकारी की मनमानी पर रोक लगाए, अन्यथा धान खरीदी व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा।

        मिश्रा जी की कलम से 🖊️....

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