धमतरी ज़िले के सिहावा थाने में हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। थाने के सामने गौ रक्षक संगठन के सदस्य धरने पर बैठे हैं और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं।
मामला बेहद गंभीर है—
👉 दो दिन पहले संगठन ने पाँच गौवंश से भरी गाड़ी पुलिस को सौंपी थी।
👉 पुलिस ने न जांच की, न केस दर्ज किया।
👉 सिर्फ़ एक सरपंच के लेटरपैड पर भरोसा कर गाड़ी और गौवंश दोनों को छोड़ दिया।
अब सवाल उठ रहे हैं—
❓ क्या पुलिस पर किसी “ऊपर” से दबाव था?
❓ जब सरकार खुद गौ तस्करी रोकने के लिए कानून बना रही है, तो ज़मीनी स्तर पर पुलिस क्यों दे रही है संरक्षण?
❓ आखिर इन बेजुबानों की रक्षा कौन करेगा, जब रक्षक ही बन जाए भक्षक का साथी?
थाने के बाहर भारी नारेबाजी, गौ सेवकों का गुस्सा और तैनात पुलिस बल… माहौल गरमा चुका है और पूरा मामला अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है।
👉 धमतरी की सियासत में भूचाल, सिहावा थाना पुलिस की कार्यवाही पर सवालों की बौछार!

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