शिक्षक नहीं होने से स्कूल में पढ़ाई ठप पड़ी है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पालकों का कहना है कि लंबे समय से शिक्षक पद खाली हैं और कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पालक और ग्रामीण एकजुट हुए और जमकर नारेबाज़ी की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
“शिक्षक नहीं तो पढ़ाई नहीं, पढ़ाई नहीं तो स्कूल नहीं,” – इसी नारे के साथ प्रदर्शनकारी पालक शिक्षा विभाग की उदासीनता पर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग की इस मामले पर प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है, लेकिन प्रदर्शन ने शिक्षा व्यवस्था की खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
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