धमतरी -उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फारेस्ट के अरसीकंहार रेंज में पिछले आठ दिनों से बाघ विचरण कर रहा था ..जिसके पदचिह्न 18 मई को संदबाहरा के जंगल से विभाग को मिला उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फारेस्ट के उपनिदेशक वरुण जैन के नेतृत्व में टीम ने पग चिन्हों के प्लॉस्टर मॉड तैयार कर जांच किया गया .. जिससे बाघ के पग चिन्हों की पहचान हुई ..विभाग ने पग चिन्हों के आधार पर बाघ के विचरण क्षेत्र में एक के बाद एक करीब 100 से भी अधिक ट्रैप कैमरे जंगल में लगाकर निगरानी करना शुरू किया ..आठ दिन की कड़ी मेहनत के बाद आज विभाग को सफलता हाथ लगी …दरअसल विभाग को दो दिन पहले भिरागांव में मवेशी के शिकार करने की सूचना मिली गांव में बैल का किसी आघात जंगली जानवर ने शिकार कर अपना भोजन बनाया था…विभाग ने गांव के आसपास के जंगलों में ट्रैप कैमरा लगाकर निगरानी करना शुरू किया तभी 24 मई की रात 8 बजकर 37 मिनट में टाइगर की मूवमेंट देखी गई …कैमरे में चेक करने पर बाघ की पहली और शानदार तस्वीर निकल कर सामने आई है बैल का शिकार किसी दूसरे जंगली जानवर ने नबी बल्कि टाइगर ने शिकार किया था ..पास में लगे दूसरे ट्रैप कैमरा बारिश की वजह से कैप्चर नहीं कर पाया...विभाग को एक ही कैमरे में कैद तस्वीर से संतुष्ट करना पड़ा आखिरकार 8 दिनों से लगातार बाघ की खोज में सत्तत निगरानी कर रहा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व फारेस्ट के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया है ..ट्रेक कैमरे में कैद हुआ ये बाघ का शानदार तस्वीर से ये तो शाबित हो ही गया की टाइगर की वापिस हो ही गई है ….
और ये खुशखबरी ढाई साल बाद मिली है जब बाघ की वापसी से सीता नदी टाइगर रिजर्व फारेस्ट में हुई है विभाग में खुशी का लहर है …जिसकी पुष्टि स्वयं उपनिदेशक वरुण जैन ने की है बहरहाल अब जंगल में लगे बांकी ट्रैप कैमरे की जांच की जाएगी और अच्छी और शानदार तस्वीरें निकालने की उम्मीद है वरुण जैन की माने तो कैमरे की संख्या बढ़ाया जाएगा इसके साँथ ही सुरक्षा के लिए विभाग सतर्क होकर सतत मॉनिटरिंग करते हुए निगरानी रखेगा वही जंगल के अंदर बसाहट वाले इलाकों में सतर्क रहने मुनियादी कराई जाएगी।
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