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जब बरकई की बेटियाँ बनीं राम, लक्ष्मण और रावण — और कर दिखाया रावण वध, गूंज उठा नारी शक्ति का जयघोष 💥

📍 कांकेर, बरकई -दशहरा के पावन पर्व पर छत्तीसगढ़ के छोटे से ग्राम बरकई में एक ऐसा अद्भुत उदाहरण पेश किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया। यहाँ की ग्रामीण बेटियों ने मंच पर राम, लक्ष्मण और रावण की भूमिका निभाकर रावण दहन किया, और पूरे समाज को नारी शक्ति का सशक्त संदेश दिया। 💪🔥
वीडियो 

💫 बेटियों ने किया इतिहास रचने वाला प्रदर्शन
बरकई के स्कूल प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में जब मंच पर बेटियों ने परंपरागत किरदारों को निभाया, तो दर्शक भावविभोर हो उठे।
🎭 राम बनी बेटी, लक्ष्मण बनी बेटी, और रावण भी बनी बेटी — यह दृश्य गाँव ही नहीं, बल्कि पूरे ज़िले के लिए गर्व का क्षण बन गया।
🔥 बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ नारी सम्मान का संदेश
कार्यक्रम में जब रावण दहन की ज्वाला उठी, तो मानो एक नई सोच की किरण भी जगमगाई —
वो सोच, जो कहती है कि बेटियाँ किसी से कम नहीं!
इन बेटियों ने बताया कि नारी केवल घर की मर्यादा नहीं, बल्कि समाज की रीढ़ और संस्कृति की संवाहक भी है। 🌺

🗣️ ग्रामीणों और समाजसेवियों ने दी प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने इस पहल को खूब सराहा। स्थानीय समाजसेवक ने कहा —

“जहाँ बेटियाँ रावण का दहन करती हैं, वहाँ समाज में अन्याय और भेदभाव का कोई स्थान नहीं रह जाता।”

वहीं गाँव की महिलाओं ने कहा कि बरकई की ये बेटियाँ अब पूरे गाँव का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। 🌍💖
🌹 नारी शक्ति का यह स्वरूप बना प्रेरणा का प्रतीक
बरकई की इन बेटियों ने सिद्ध कर दिया कि रावण केवल मंच पर नहीं, बल्कि मन की बुराइयों में भी जलाया जा सकता है।
यह आयोजन सिर्फ दशहरा नहीं था —
यह था नारी शक्ति का उदय, समाज के जागरण का प्रतीक। ✨मिश्रा जी की कलम से 🖊️

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