धमतरी- महानदी के उद्गम स्थल गणेश घाट, सिहावा गुरुवार को आस्था और अध्यात्म से सराबोर रहा। ऋषि पंचमी के पावन अवसर पर यहां पारंपरिक श्रद्धा, भक्ति और धार्मिक उल्लास के बीच ऋषि पंचमी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
🔹 मान्यता है कि बरसों पहले यहां एक संत का आगमन हुआ था, जिनकी तंत्र-मंत्र और औषधि विद्या ने सैकड़ों लोगों का जीवन दिशा दी। लोग उन्हें स्नेहपूर्वक औघट बाबा कहकर पुकारने लगे। तभी से यह पर्व यहां आस्था और परंपरा के साथ मनाया जाता है।
🔹 सिहावा न केवल ऋषि-मुनियों की तपोभूमि माना जाता है, बल्कि महानदी के उद्गम स्थल के रूप में भी करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।
🪔 महोत्सव की शुरुआत परंपरागत परघोनी से हुई, जहां सिहावा गढ़ के देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों का स्वागत-सम्मान किया गया। गुरु भाइयों ने क्रमवार गुरु महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
🔹 श्रद्धालुओं ने गुरु आश्रम में पूजा-अर्चना की, औघट बाबा और देवी-देवताओं के चरणों में नमन किया तथा दुर्लभ जड़ी-बूटियों का सेवन कर प्राचीन ऋषि परंपरा का निर्वहन किया।
🌿 इस अवसर पर सिहावा विधायक अंबिका मरकाम भी शामिल हुए। उन्होंने श्रद्धालुओं को ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं दीं और कहा –
“ऋषि-मुनियों ने प्राचीन काल से दुर्लभ जड़ी-बूटियों का ज्ञान समाज को दिया है। आज की आधुनिक पीढ़ी के लिए इन्हें सहेजना बेहद जरूरी है।”
🔹 कार्यक्रम में ऋषि पंचमी समिति सहित बड़ी संख्या में गुरु भाई, श्रद्धालु और ग्रामीण मौजूद रहे।
👉 आस्था, परंपरा और संस्कृति का अद्भुत संगम बना गणेश घाट का यह पर्व, जिसने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सिहावा आज भी ऋषियों की तपोभूमि और आस्था का जीवंत प्रतीक है। 🙏
मिश्रा जी के कलम से 🖋️....


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