कांकेर- जिले के मांडाभर्री गांव में एक अनोखी और चर्चा का विषय बनी अंतिम यात्रा निकाली गई ग्राम पटेल गिरवर पांडे के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने मातम की जगह भजन, कीर्तन और बाजे-गाजे के साथ भव्य विदाई दी ..सूत्रों के अनुसार गिरवर पांडे का निधन एक बीमारी के चलते हुआ। लेकिन उनके परिवार और गांववालों ने पारंपरिक मातम के बजाय “एखर का भरोसा”, “चोला माटी के हे राम” जैसे भजनों की मधुर धुनों के साथ अंतिम यात्रा को उत्सव जैसा बना दिया ।
...इस दौरान गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए और पूरे गांव में संगीत की धुन के बीच गिरवर पांडे का शोक नहीं, बल्कि श्रद्धा और सम्मान के साथ विदाई दी गई। यह अनोखी परंपरा अब आसपास के गांवों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
मिश्रा जी के कलम से 🖋️....

.png)

0 Comments